चेहरे के रंग देखकर
दोस्त ना बनाना दोस्तों……
“तन” का काला चलेगा लेकिन
“मन” का काला नहीं।
Chehre Ke Rang Dekhkar
Dost Na Banna Doston…
“Tan” Ka Kala Chalega!!
Lekin… “Maan” Ka Kala Nahi!
अपने चेहरे की अफ़्सुर्दगी छुपाएँ कैसे
तेरे मर्ज़ी मुताबिक़ दिखाई दें कैसे..।।
हर मुस्कुराते हुए चेहरे के पीछे
गमों का विशाल सागर होता है
शब्दों से ही होती है इंसान की पहचान
चेहरे का क्या,
रिश्तों की तरह बनते बिगड़ते रहते हैं!
चेहरे के पिछे एक चेहरा होता है
और वही सबसे ज्यादा गहरा होता है!
चेहरे की तारीफ का क्या करना
तारीफ चरित्र की हो तो बात हो!
तेरे चेहरे के रंगों का ये उतार चढ़ाओ..
तुझे पढ़ूं भी तो कैसे…
कोई किताब तो दे दे….
बदलते दौर में मुस्कुराने के लिए,
एक चेहरा चाहिए हँसने हँसाने के लिए।
दौरे जहाँ में एक मुकाम ऐसा भी है,
मुस्कुराते हैं सभी ग़म भुलाने के लिए।