चेहरे अजनबी हो जाये तो
कोई बात नहीं लेकिन
रवैये अजनबी हो जाये तो
बड़ी तकलीफ देते हैं!
जीने का तो पता नहीं,
मगर ये जान जरूर ले रही है,
अजनबी ये दुनिया बड़े ज़ख्म दे रही है।
होले-होले कौई याद आया करता है,
कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है,
उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं,
जो इस नाजीच़ को मोहब्बत सिखाया करता है!
चेहरे अजनबी हो भी जायें तो कोई बात नहीं,
रवैये अजनबी हो जाये तो बड़ी तकलीफ देते हैं!
थोड़े अजनबी ही रहे तो बेहतर है,
बार-बार खा़स से आम होने से अब दिल डरता है!