बागों बहारों में तुम ही अच्छे लगे, लेकिन इसमें मेरा कोई कसूर नहीं,
कसूर हैं तो सिर्फ इस दिल का, जिसे हजारो में तुम ही अच्छे लगें!
Bagon Baharon Mein Tum He Acche Lage,
Lekin Ismein Mera Koi Kasoor Nahi,
Kasoor Hai To Sirf is Dil Ka,
Jise Hazaron Mein Tum He Acche Lage!!
तू मिल गई है तो मुझपे नाराज है खुदा,
कहता है कि तू अब कुछ मांगता ही नहीं!
सारा दिन गुज़र जाता है, खुद को समेटने में,
फिर रात को उसकी याद की हवा चलती है,
और हम फिर बिखर जाते हैं!
होंठो पर देखो फिर आज मेरा नाम आया है,
लेकर नाम मेरा देखो महबूब कितना शरमाया है,
पूछे उनसे मेरी ऑंखे कितना इश्क है मुझसे,
पलकें झुकाके वो बोले कि मेरी हर सांस में बस
तू ही समाया है…
तेरे इंतजार में मेरा बिखरना इश्क है,
तेरी मुलाकात पर निकलना मेरा इश्क है,
विरासत में हूँ मैं तेरे हसीन ख्वाबों की बस
दुआ है कोई जमानत न करा दे हमारी!
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