बड़प्पन वह गुण है,
जो पद से नहीं संस्कारों से प्राप्त होता है
परायों को अपना बनाना उतना मुश्किल नहीं,
जितना अपनों को अपना बनाए रखना होता है।
Badappan Wah Gun Hai,
Jo Pad Se Nahi Sanskaron Se Milta Hai,
Paraon Ko Apna Banna Utna Muskeel Nahi,
Jitna Apnon Ko Apna Banaye Rakhna Hota Hai!