Here is best collection of Badalte Rishte , Challenge Relationship, Sad Quotes in Hindi With Images, you can download picture status and share on instagram, whatsapp, facebook social media websites
मैने भी बदल दिया है
जि़न्दगी का उसूल
अब जो याद करेगा
सिर्फ वही याद रहेगा…
जिन रिश्तों में सोच समझकर बोलना पड़े
तब समझ जाना चाहिए कि
वो रिश्ता अब नाम का रह गया है!
वक्त के साथ-साथ बहुत कुछ बदल जाता है,
लोग भी, रास्ते भी, अहसास भी
और कभी कभी हम खुद भी
वक्त तकलीफ़ नहीं देता
वक्त पर साथ छोड़ने वाले
तकलीफ़ देते हैं
वक्त की चाल पर,अब बदलते रिश्ते हैं
दौलत की बिसात पर, रिश्ते हुए सस्ते हैं
वक्त की भी क्या फितरत है साहिब !!!
बदल गए रिश्तों के पैमाने
व हम बेनाम हो गए
तेरे बदलने का दुःख नहीं मुझको
मैं तो अपने यकीन पर शर्मिंदा हूँ..!!
बदलते रिश्ते और बदलते लोग बहुत देखे हैं
ताउम्र काश कोई ठहर कर भी देखता
हम दोनों चले तो थे साथ
एक रास्ते पर मगर,
ना जाने कब औऱ कैसे हमारे
रास्ते बदल गए।।
बदलते लोग,
बदलते रिश्ते और
बदलता मौसम,
चाहे दिखाई ना दे
मगर महसूस जरूर होते है!
मेरे यकीन की दुनिया से उजाले ले लो…
अगर उदास हो तो खुशियों के प्याले ले लो…
ग़मो को साथ मगर रखना ये सिखाते हैं…
वक़्त के साथ लोग भी तो बदल जाते हैं…
अपने काँधे पे ही सर रख के रो लेना ऐ दिल…
सुना है ग़म में लोग दूर चले जाते हैं।
बदलते रिश्ते…✍️
बदल जाते हैं कुछ लोग हालत के साथ।
पीछे छूट जाते हैं कुछ रिश्ते वक्त के साथ।।
हाँ बदल जाऊंगा मैं
हर रिश्ता वक्त के साथ बदलता है
मैं भी बदल जाऊंगा
हाँ थोड़ा वक्त लगेगा पर सँभल जाऊंगा मैं
बेमतलब के रिश्तों को भी मैंने दिल से निभाया था
कुछ खास थे उन्हें दिल मे बसाया था
अब में भी वक्त की यारी निभाउंगा
अब अपने खास रिश्तों से भी मुँह मोड़ जाऊंगा मैं
हूँ अभी सवाल से उलझा मैं
एक दिन सुलझ जाऊंगा मैं
हूँ तेरे हर रूप से वाकिफ अभी
एक दिन अजनबी से पेश आऊंगा मैं
हूँ ठहरा अभी तेरे लिए
एक दिन वक्त सा गुजर जाऊंगा मैं
फिर खोजते रहना लाखो के बीच
कुछ इस तरह गुम हो जाऊंगा मैं
यूँ तो मर चुकी है अब मेरी आत्मा भी
जो अब आँसुओं से भिगोया तो पनप जाऊंगा मैं
डायरी के पन्नो पर लिखना अब मुश्किल है
खुद एक ग़ज़ल बन के उतर जाऊंगा मैं
चला गया जो एक बार लौट कर ना आऊंगा में
ये जिंदगी एक दिन बदल जाऊंगा मैं
वक़्त के साथ जज़्बात बदल जाते हैं,
ताकते ताकते दिन रात बदल जाते हैं!!
हम ही ना देख पाए हमारा कसूर था,
मौसमों के साथ इंसान बदल जाते हैं!!
मुफ़लिसी में बीता वक़्त अब याद नहीं,
हालात बदलते ही हाल बदल जाते हैं!!
भुले सब कुछ जिन अपनों के ख़ातिर,
उन्हीं दरों के अक्सर राह बदल जाते हैं!!
चाहा किजिए चाहे जितना जी जान से,
चलते चलते वही हमराह बदल जाते हैं!!
मिट्टी के घरौंदों में भी सुकूँ था बहुत हमें,
पक्के मकानों के त्यौहार बदल जाते हैं!!
अजब है रँग-ढँग इस सँसार के भी यारों,
जीने मरने के यहाँ संस्कार बदल जाते हैं!!
किस बात का हो रहा अब रंज तुझे “नीत”,
बदलने वाले यहाँ बिंदास बदल जाते हैं!!
– Neetu Sinha