औरत कभी खिलौना नहीं होती
वो तो परमात्मा के बाद
वो पूजनीय व्यक्ति है,
तो मौत की गोद में जाकर
जिंदगी को जन्म देती है!
Aurat Kabhi Khilona Nahi Hoti
Wo To Parmatma Ke Baad
Wo Pujaniya Viyakti Hai,
Jo Maut Ki God Me Jaakar
Zindagi Ko Janam Deti Hai!!
सदैब मन को उच्च बिचार से अति प्रेरणा देने बाले हमारे ऋषि मुनि, तपस्वी, संत महापुरुष के ज्ञानोदय बिचार दुखी से दुखी मनुस्मृति मैं सकारात्मक बिचारो का सृजन कर सकते है।बसर्ते स्वम को भी कुछ करने के लिए सार्थक सोच के लिये तैयार रहना होगा।तभी यह सुबिचार कु स्रंखला फलीभूत होकर मनुष्य होने का सार्थक तत्व होगी।