
“अपनी तक़दीर खुद ही लिखनी होगी,
ये चिठ्ठी नहीं जो दूसरों से लिखवा लोगे।”
Apni Taqdeer Khud He Likhni Hogi,
Ye Koi Chiddhi Nahi Jo Dusron Se Likhwa Loge..!!
ये जो हाथों में लकीरें है ना
तक़दीर की,
मेरी इनसें क़भी नहीं बनती … !!
दिलजलों की वाहवाही है
कहानी उनकी है
हमारी तो बस स्याही है
_तक़दीर_
वफा-ए-तक़दीर भी
मौज़ूद है दोस्त…
शीद्दत-ए-कोशिश का वज़ूद
तलाशकर तो देख…
खुद भी कुछ करिये
खुद मेहनत करोगे तो
भाग्य भी साथ देगा
अगर यूँ हाथ पे हाथ रख
भाग्य के सहारे बैठे रहोगे
तो खुदा भी साथ नही देगा
भाग्य भी उनका साथ देता है
जिनके हौसले बुलंद हो
हर मुसीबत को पार करने का जुनून हो
हार को जीत में बदलने का जोश हो
फिर तक़दीर भी सर झुकाती है
तुम्हारी कामयाबी के आगे
इसलिए भाग्य के सहारे मत रहिये
खुद भी कुछ करिये ।।।