” अपनी इच्छाओं पर विजय
प्राप्त करने वालो को मैं अपने
शत्रुओ पर विजय प्राप्त करने
वाले से अधिक पराक्रमी मानता हूँ…!!!”
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Apni Icchaon Par Vijay Prapt Karne Walon Ko
Mein Apne Satruon Par Vijay Prapta Karne Wale
Se Adhik Parakrmi Manta Hun!!
इच्छा ना कभी किसी मनुष्य की खत्म हुई है,
ना खत्म होगी,
कुछ इच्छाएं मनुष्य को आबाद कर देती है
तो कुछ बर्बाद
आपकी इच्छा क्या है आपने ध्यान दिया है?
इच्छा तभी सार्थक होती है,
जब उसे दृढ़ निश्चय द्वारा पूरा किया जाए!
इच्छाएं जितनी बड़ी होंगी,
समस्याएं भी उतनी ही बड़ी होंगी!
हमें किसी भी काम का फल
इच्छा के अनुसार नहीं मिलता,
बल्कि मेहनत के
मुताबिक हमें फल मिलता है!