
अनुभव हमारे ज्ञाान को बढ़ा देता है,
पर हमारी बेवाकूफियों को कम नहीं करता!!
Anubhav Humare Gyan Ko Badha Deta Hai
Par Hamari Bewakoofiyo Ko Kam Nahi Karta!!
बचपन से ही अनुभव के हाथों में झूला-झूला करते हैं,
ज्ञान का पहला अक्षर हम माँ से ही सीखा करते हैं,
प्रथम चरण में मात-पिता के चरणों को चूमा करते हैं,
दूजे पल लक्ष्य भेद की चाहत हम मन में पाला करते हैं,
विद्यालय के आँगन में गुरु हमसे जो अनुभव साझा करते हैं,
उतर समाज सागर में हम फिर कदमों को साधा करते हैं,
एक छोटी सी चींटी में भी हम धैर्य को आँका करते हैं,
सुख-दुःख हम सब मिलजुल कर एक संग में बाँटा करते हैं,
राम नाम पत्थर में प्राण की हम दिल से माला करते हैं,
इसी तरह हर कण हर क्षण बन्धु हम अनुभव में जोड़ा करते हैं।।
राही (अंजाना)
बेदाग़ दिल की सजा के लिए भी ख़ुद को तैयार रखो,
हमने पायी इसकी सजा,अनुभव पे हमारे एतवार रखो,
सह जाओ या कह जाओ,दिल में ना कोई मलाल रखो,
अनुभव के झरोखे से……..
जो लोग आपकी प्रतिभा,
काबिलीयत और हुनर से वाकिफ होते हुए भी…
अन्य लोगों के बीच, आपकी प्रशंसा सिर्फ इसलिए नहीं करना चाहते
कि कहीं उनका अपना वजूद छोटा ना पड़ जाए…..
ऐसे लोगों की अविकसित मानसिकता से प्रभावित और दुखी ना हों।
USHA PERIWAL
अनुभव कहता है
खामोशियां ही बेहतर है,
शब्दों से लोग, रूठते बहुत हैं…!!