अंधेरे में छाया बुढ़ापे में काया
और अंतिम समय में माया
किसी का साथ नहीं देते!
Andhere Mein Chaya,
Budhape Mein Kaya,
Aur…
Antim Samay Mein Maya
Kisi Ka Sath Nahi Dete…..
अक्सर वही दिये हाथों को जला देते हैं,
जिसको हम हवा से बचा रहे होते हैं।
सबको अपना जीवन बदलने के लिए
समय मिलता है पर समय बदलने के लिए
दोबारा जीवन नहीं मिलता!
वक्त जब फै़सला लेता है तो,
जज को भी कभी-कभी अपने लिए,
वकील खड़े करने पड़ते हैं।
अक्सर हम उन्हीं लोगों के हाथों
अपना मजाक बनवाते हैं,
जिन्हें हम कमजोर लम्हों में
अपनी सच्चाईयॉं सौप देते हैं!
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