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मां की दुआओं में इतना असर हो जाए ,
कि कोरोना का कहर खत्म हो जाए।।
आपको हमारी तरफ से नवरात्रि की शुभकामना।
तेरे ही वरद मुद्रा से हैं माँ उष्म हवा,शीत हवा तेरे ही
लक्षण से उपजे,जब सुनी न हमने संकेत की भाषा,
तूने क्रोधित हो कर डाला ये महामारी के मिश्रण का घोटाला
मन्दिर-मूर्त में न करो मेरी पूजा
चण्डिकाहो कर कह डाला ‘माँ’
चराचर की अखण्ड स्वामिनी
पूत कुपूत हो सकता है माता अब जो भी हैं,
हम तेरे हैं,
तुझको संकट व्यथा हरानी है
महामारी से हमें पार करवाना है,
अच्छा है नीरवतामें माँ’तेराध्यान’ लगाना है।।
जय मा चामुंडा 🙏
पग-पग में आपके फूल खिलें;
ख़ुशी आप सबको इतनी मिले;
कभी ना हो दुखों का सामना;
यही है आपको हमारी तरफ से नवरात्रि की शुभकामना।
माँ दुर्गा के आशीर्वाद से आपका और
आपके परिवार का जीवन सदा हँसता और मुस्कुराता रहे,
प्रेम से बोलो जय माता दी।
नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं।
माँ का भजन
क्षमा करो मेरी माँ
हमें क्षमा करो
दे दो आशीर्वाद
हमें क्षमा करो
अपने खोल दो दरबार
हमें क्षमा करो
खत्म करो कोरोना
हमें क्षमा करो
अपने चरणों में लगा लो फिर इक बार
मेरी माँ हमें क्षमा करो
रख दो दया का हाथ
हमें क्षमा करो
कर दो कृपा इक बार
हमें क्षमा करो
माँ दे दो दर्शन इस बार
हमें क्षमा करो
क्षमा करो मेरी माँ
हमें क्षमा करो
रोग, शोक, संताप, भय नाशिनी,
अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष दायिनी,
हस्त कमल जय सिंह वाहिनी,
नमन कात्यायन पुत्री “माँ कात्यायनी”।
माँ तू तो कण कण
में है विराजमान
क्या ये धरती और
क्या ये आसमान
चाहे किसी भी हाल में
रख अपने भक्तों को
जयकारे तेरे बोलेंगे,
करेंगे तेरा ध्यान
बोलो जय माता दी🙏
Happy Navratri
कहीं वैष्णो देवी , कहीं चामुंडा देवी
तो कहीं ज्वाला जी के रूप में विराजी मां शेरावाली..
तुम हो शिव की शक्ति मां शेरावाली …
भूखे हैं हम तेरे प्यार के
बस तेरे चरणों में ही रखना मां शेरावाली…
आदिशक्ति, रण चण्डी , माँ अंबे, मेरी भवानी …
तेरी महिमा सभी ने जानी,
हर ज्योत में माँ जवाला,
हर माता में माँ जगदंबा,
हर नीर में माँ गंगा,
हर पुष्प में माँ दुर्गा,
हर स्त्री में माँ महाकालिका,
हर ज्ञानी में माँ वीणावादिनी,
तुम से ही ये संसार है,
लक्ष्मी, पारवती, सरसवती , मेरी जगत जननी…
मेरा तुम्हें प्रणाम है। 🙏
Happy Navratri
||ह्रीं||
मन्त्राणां मातृका देवी शब्दानां ज्ञानरूपिणी
ज्ञानानां चिन्मयातीता शून्यानां शून्यसाक्षिणी
यस्याः परतरं नास्ति सैषा दुर्गा प्रकीर्तिता
|अर्थात|
सब मंत्रो मे मातृका– मूलाक्षर रुप से रहने वाली ,
शब्दो मे ज्ञान रुप से रहनेवाली ,
ज्ञानों मे चिन्मयातीता ,
शून्यों मे शून्यासाक्षिणी तथा
जिनसे और कुछ भी श्रेष्ठ नही है
वे ही जगदम्बा दुर्गा है
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