
आप सबको श्री गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं ….
ज्वाला सी जलती है आँखो मे जिसके भी दिल मे तेरा नाम है,
पर्वा ही क्या उसका आरंभ कैसा है और कैसा परिणाम है,
धरती अंबर सितारे, उसकी नज़रे उतारे डर भी उससे डरा रे,
जिसकी रखवालिया रे करता साया तेरा…
हे देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा..
तेरी भक्ति तो वरदान है, जो कमाए वो धनवान है,
बिन किनारे की कश्ती है वो देवा तुझसे जो अन्जान है,
यूँ तो मूषक सवारी तेरी, सब पे है पहेरेदारी तेरी,
पाप की आँधिया लाख हो कभी ज्योती ना हारी तेरी,
अपनी तकदीर का वो खुद सिकंदर हुआ रे,
भूल के ये जहां रे जिस किसी ने यहाँ रे साथ पाया तेरा हे….
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा,
तेरी धूलि का टीका किए,,देवा जो भक्त तेरा जिए,
उसे अमृत का है मोह क्या हँस के विष का वो प्याला पिए ,
तेरी महिमा की छाया तले काल के रथ का पहिया चले,
एक चिंगारी प्रतिशोध से खड़ी रावण की लंका जले,
शत्रुओं की कतारें एक अकेले से हारे, कण भी परबत हुआ रे,
श्लोक बन के जहाँरे नाम आया तेरा हे
देवा श्री गणेशा,,देवा श्री गणेशा…….
गणपति बप्पा मोरया.. त्वमेव माता च पिता त्वमेवत्वमेव बन्धु सखा
त्वमेवत्वमेवविद्या द्रविणं त्वमेवत्वमेव सर्वं मम देव देवाअचुतम
केशवं रामा नारायणंकृष्णा देमोदरम वाशुदेवं हारीमश्रीधरम माधावुम
गोपिका वल्लभंजानकी नायकम रामचंद्रम भजेहरे राम हरे रामराम राम हरे हर

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