आकर्षण शायद अनेको के लिए हो सकता है
पर समर्पण किसी एक के लिए होता है।
Aakarshan Shayad Aneko Ke Liye Ho Sakta Hai,
Par Samarpan Kisi Ke Ke Liye Hota Hai
प्रेम हो और समर्पण न हो
जैसे दीप हो पर रोशन न हो…
…इस तरह पुरुष ने
स्वयं को समझा एक पूर्ण वाक्य
और स्त्री उसमें पूर्ति हेतु रिक्त स्थान
जो समय-समय पर बदली जाती रही.
प्यार के गर्भ में पलता समर्पण
जिससे जन्म होता है
विश्वास का और बनते है रिश्ते
उम्र भर के जो जुड़ते है एक सच्ची
डोरी से और होता है
पूरा ये बागवान फिर होता है
मिलन दो आत्माओं का जिससे
खिलती हैं नयी कोपलें और बन जाता है पूरा संसार
फिसल जाते हैं हाथों से अक्सर,
त्याग और समर्पण से अंदर तक भीगे रिश्ते भी…
मन का पानी थोड़ा संभाल कर ख़र्च करना…
दिल में Dehydration की संभावना हो जाती है।
ख़ुद को भी ज़रा सा बचाये रखना…
आम का आखिरी टुकड़ा छोड़ देते थे वो,
पेट भरा बोल कर,
समर्पण में प्यार कैसा दिखता है,
पापा ने बचपन में ही सिखा दिया था!