मैंने कब कहा, कीमत समझो तुम मेरी
अगर हमें बिकना ही होता तो,
आज यूँ तन्हा न होते!
Maine Kab Kaha,
Keemat Samjho Tum Meri,
Agar Humein Bikna He Hota To,
Aaj Yun Tanha Na Hote…
अकेला भी इस तरह पड़ गया हूँ,
कि मेरा हौसला भी साथ नहीं दे रहा है!
अकेले ही गुजरती है जिंदगी,
लोग तसल्लियां तो देते है
पर साथ नहीं!
वो खुद से खुद भी अकेला है,
और दूसरों को अकेलापन से जलन होती है।
खुद से ही बातें हो जाती है अब तो,
लोग वैसे भी कहा सुनते है आज कल!
रूलाया ना कर ए जिंदगी,
मुझे चुप कराने वाला कोई नहीं है!
मैने आज तक
हर रिश्ते दिल से और सच्चाई से निभाये हैं,
लेकिन मिला कुछ भी नहीं आंसुओं के सिवा!