आज वो दौर आ गया है
आज वो दौर आ गया है
शहीद भगत सिंह
यह कह रहा है
अगर आज इस दौर में
मैं जो आता
तो देख हालत, अपने देश की
जागकर, मैं फिर से सो जाता (२ )
बड़ा बेफिक्र, हर इन्सां यहाँ है
हाथ में लिए, पूरी दुनिया
फिरा जा रहा है
परिवार को छोड़,
तन्हा ही अपनी , तस्वीर लिए जा रहा है
ये क्या हो गया है
देश के नौजावं को
शहीद की फोटो को
अपने ही फ़ोन पर
नमन कर,
देश भग्ति किये जा रहा है
कहाँ है वो योद्धा (२)
जो ऊँगली उठाये
मेरे देश पर,
उस हाथ को मरोड़
देश के लिए
लड़ा जा रहो
आज देश का हर, नौजवां
क्यों डर रहा है
कुछ बहादुर योद्धाओं , के भरोसे
देश को अपने
छोड़े जा रहा है
क्यों न सभी अपने
फ़र्ज़ को यूँ निभाये
ये सोच, हम अपनी रखें
कुछ शहीद ही क्यों ,
क्यों न देश के लिए
हम भी शहीद हो जायें
“झांसी की रानी” भी यह कह रही है (२)
जो इस भारत देश में,
मैं इस दौर में आती
मैं सिर्फ, एक माँ ही बनी रह जाती
देश का मोह भूल कर मैं,
सारा प्रेम अपने ही
परिवार पर, मैं लुटाती
कहाँ है वह माँ ,
जो अपने वीरो को
थी, देश भग्ति की कहानियां सुनाती
देश पर मर ,मिटने के लिए
थी देश भक्त बनाती
आज का ये
क्या दौर आ गया है
लोग हज़ारों को जेब पर
और दिल को, खाली किये
घूम रहें हैं
एक छोटे से डिब्बे में
पूरी दुनिया, लिये घूम रहें हैं
आओ खुद से, एक वादा करे हम
अपने दिलो में, देश भक्ति भरे हम
नहीं है, ज़रूरत बन्दुक लेकर
सरहदों पर जायें हम
अपने घरों में
अपने दिलो में
देश के प्रति, अपने फ़र्ज़ को निभायें हम
आओ मिलकर सब
जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द
का नारा लगायें हम
लेखिका:- रेणुका कपूर, दिल्ली