
वो बेवफा हमारा इम्तेहान क्या लेगी
मिलेगी नजरों से नजरें तो अपनी नजरें झुका लेगी
उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना
वो नादान है यारों, अपना हाथ जला लेगी…!!
Wo Bewafa Humra Imtehaan Kya Legi
Milegi Nazron Se Nazrein To Apni Nazrein Jhuka Legi
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Use Meri Kabra Par Diya Mat Jalane Dena
Wo Nadan Hai Yaaron, Apna Hath Jala Legi…!!
मोहब्बत का खेल मेरे साथ…💑
वो खूब खेली…👫
इसके बाद उसने मेरी…✋
जान ले ली💔
शरीफों की दुनिया में, सिर्फ गुनहगार हम..
फरिश्तों की दुनिया में, सिर्फ शैतान हम..
ईमानदारों की दुनिया में, सिर्फ बेईमान हम..
इज्जतदारों की दुनिया में, सिर्फ बदनाम हम..
वफादारों की दुनिया में, सिर्फ बेवफा हम..
अमीरों की दुनिया में, सिर्फ कर्जदार हम..
कैसे मुझे तुम इन बातों में तोलते हो..?
क्या कभी खुद के आमाल आईने में नहीं देखते हो.?
आलम बेवफाई का कुछ इस कदर बढ़ गया,
फासला तय होता रहा और दूरियां बढ़ती गई।
हो गया आज इक गुनाह हो गया
हो गया वो भी बे – पनाह हो गया
इक ख़्वाब था उनके दिल में रहने का
अब वो भी मुझसे आज तबाह हो गया
जिसके बिना इक लम्हा ना जिया कभी
उनके लिए अब मैं भी बे – वफ़ा हो गया
दिल के टुकड़े करके चले गये कल वो यूहीं
इकट्ठे कर लूँ पर दिल को अब अना हो गया
मन्नतों से मिला था ये प्यार मुझे “आरिफ़”
इक गलती से वो भी अब ख़फा हो गया
मिलन का “कोरा काग़ज़” भी ना भर सका
उस से पहले इश़्क मुझसे क्यूँ जुदा हो गया
हमें बर्बाद कर गई
जाने क्या गिला था तुम्हे हमसे
जो तुमने की दगा हमसे
हर पल अब खोये खोये से रहते है
ना खुद को होश ना परवाह किसी की
बस तुम्हारी बेवफाई मार गई
तुम्हारी ज़रा ही बेवफाई हमे एक
बार फिर तन्हा कर गई
मेरी पीठ पीछे मुझ पर बेवफाई की गोलाबारी,
और सामने से मुझसे प्यार वाली बात भी करती है
फ़ितरत उसकी हू-ब-हू पड़ोसी देश सी है
वार और बनावटी प्यार दोनों साथ साथ करती है