
मोहब्बत की किसमत बनाने से पहले,
जमाने के मालिक तू रोया तो होगा…!!
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मोहब्बत पे ये जुल्म ढाने से पहले,
जमाने के मालिक तू रोया तो होगा..!!
Mohabbat Ki Kismat Banne Se Pahile
Jamane Ke Malik Tu Roya To Hoga…
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Muhabbat Pe Ye Julm Dhane Se Pahile
Jamane Ke Malik Tu Roya To Hoga…!!
सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें,
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें,
फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा,
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें।

कमाल की मोहब्बत थी मुझसे उसको
अचानक ही शुरू हुई और बिना बताये ही ख़त्म हो गई
जिसके नसीब मे हों ज़माने की ठोकरें,
उस बदनसीब से ना सहारों की बात कर।
दिन हुआ है, तो रात भी होगी,
मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी।
वो प्यार है ही इतना प्यारा,
ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।
मैं बैठूंगा जरूर महफ़िल में मगर पियूँगा नहीं
क्योंकि मेरा गम मिटा दे इतनी शराब की औकात नहीं