30+ Best Quotes, Thoughts and Sayings in Hindi By Bhagwan Shri Krishna With Images. You Can Download Free and Share on your facebook, instagram and whatsapp status update.
जो अपने मन पर नियंत्रण नहीं रखता
वह स्वयं का शनै शनै शत्रु बनता जाता है। ।
केवल प्रेम के द्वारा ही
तुम मुझे जीत सकते हो,
और वहां मुझे खुशी-खुशी जीत लिया गया है
श्री कृष्ण कहते है की
जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है,
जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना,
इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो।
ज्यादा हंसने और बोलने वाला व्यक्ति
अगर चुप हो जाए
तो मान लेना वह भीतर से टूट चुका है। ।
न हार चाहिए ना जीत चाहिए,
जीवन में अच्छी सफलता के लिए
परिवार और कुछ मित्र का साथ चाहियें।।
इस संसार में देखने के लिए
बहुत सारे खूबसूरत स्थान है,
पर सबसे खूबसूरत जगह है,
बंद आंखों से अपने भीतर देखना
जैसे समुद्र के पार जाने के लिए
नाव ही एकमात्र साधन है
उसी प्रकार स्वर्ग के लिए
सत्य ही एकमात्र सीढ़ी है कुछ और नहीं
जैसा दर्पण धूल से अर्थ अस्पष्ट होता है
वैसे ही क्रोध से बुद्धि अस्पष्ट होती है
अपने अनिवार्य कार्य करो,
क्योंकि वास्तव में कार्य करना
निष्क्रियता से बेहतर है
इस भौतिक संसार का यह नियम है
जो वस्तु उत्पन्न होती है, कुछ काल तक रहती है
अंत में लुप्त हो जाती है चाहे वे शरीर हो, फल हो।
भरोसा अगर खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है,
और दूसरों पर रखो तो कमज़ोरी बन जाती है,
आप कब सही थे इसे कोई याद नही रखता है,
लेकिन तुम कब गलत थे इसे सब लोग याद रखते है।
जिस व्यक्ति के पास संतुष्टि नहीं है
उसे कितना भी मिल जाए वह असंतुष्ट ही रहेगा।
अपनी उम्र और पैसों पर
कभी भी घमंड मत करना क्योंकि
जो चीज गिनी जा सकती है
वो यकीनन खत्म हो जाती है
धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है
उसी प्रकार जीवन में सुख दुःख आता जाता रहता है
कभी भी किसी पर पूरी तरह भरोसा ना करें
लेकिन लोगों से प्यार करो
अपना पूरा भरोसा केवल कृष्ण में रखो
आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से
अज्ञान के संदेह को अलग कर दो अनुशाषित रहो उठो
दिव्याता केवल शक्तिशाली होने में नहीं,
बल्कि वास्तविक दिव्याता दूसरों में शक्ति जाग्रत करने में है।।
मैं किसी के भाग्य का निर्माण नहीं करता,
और ना ही किसी के कर्मो के फल देता हूँ।
जिंदगी में सदैव अवसरों का आनंद लेना चाहिए,
लेकिन किसी के भरोसे को तोड़कर नहीं।
सब कुछ हासिल नहीं होता जिंदगी में,
यहां किसी का काश तो किसी का अगर रह जाता है।
व्यर्थ की चिंता और भय एक रोग के समान है,
जो आपकी आत्मीय शक्ति को छिन्न करती है।
आत्मा विनाशकारी नर्क के तीन द्वार है,
वासना क्रोध और लालच इनका त्याग करें।
मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है,
जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।
जो हुआ अच्छा हुआ, जो होगा अच्छा होगा,
स्वयं को मुझ पर छोड़ दो अपने कर्म पर ध्यान दो,
कर्म ऐसा जो स्वार्थ, रहित पाप रहित हो।
मनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो,
परंतु उसकी परछाईं सदैव काली होती है,
“मैं श्रेष्ठ हूँ” यह आत्मविश्वास है,
लेकिन “सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूँ” यह अहंकार है।
कभी भी स्वयं पर घमंड मत करना
पत्थर भी भारी होकर
पानी में अपना वजूद खो देता है।
तुम अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे
तुम्हारा क्रोध खुद ही तुम्हें दंडित करेगा
जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है
वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिए
जब जिंदगी में बुरा समय आए
तब समझ लेना कि अच्छे कर्म का समय आ गया है
मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है,
लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है
यदि आप किसी के साथ मित्रता नहीं कर सकते हैं,
तो उसके साथ शत्रुता भी नहीं करना चाहिए।