Here are some 26 January Republic Day Wishes, Quotes, Pic SMS, Hindi Status for Facebook and Whatsapp
इंडियन होने पर करिए गर्व,
मिलके मनाएं लोकतंत्र का पर्व,
देश के दुश्मनों को मिलके हराओ,
घर घर पर तिरंगा लहराओ ||
यह हिन्द जय भारत.
हल्की सी धुप बरसात के बाद,
थोड़ी सी ख़ुशी हर बात के बाद,
इसी तरह मुबारक हो आप को,
आज़ादी एक दिन के बाद…
Wishing you happy republic day in advanced.
आज सलाम है उन वीरो को
जिनके कारण ये दिन आता है,
वो माँ खुशनसीब होती है
बलिदान जिनके बच्चो का
देश के काम आता है…
26 जनवरी 2017 मुबारक.
दे सलामी इस तिरंगे को
जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका
जब तक दिल में जान हैं..!!
जय हिन्द, जय भारत
देश भक्तो के बलिदान से स्वतंत्र हुए है हम,
कोई पूछे कोन हो तो गर्व से कहेंगे,
भारतीय है हम ||
हैप्पी गणतंत्र दिवस
भारत की पहचान हो तुम,
जम्मू की जान हो तुम, सरहद का अरमान हो तुम,
दिल्ली का दिल हो तुम,
और भारत का नाम हो तुम ||
भारत माता की जय, वन्दे मातरम्.
संस्कार, संस्कृति और शान मिले,
ऐसे हिन्दू, मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले,
रहे हम सब ऐसे मिल-झुल कर,
मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में भगवान मिले।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई।
ये आन तिरंगा है, ये शान तिरंगा है,
अरमान तिरंगा है, अभिमान तिरंगा है,
मेरी जान तिंरगा है…..
Happy Republic Day
ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा,
ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा,
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए,
कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये।
ना जियो घर्म के नाम पर,
ना मरों धर्म के नाम पर,
इंसानियत ही है धर्म वतन का
बस जियों वतन के नाम ||
भूख, गरीबी, लाचारी को, इस धरती से आज मिटायें,
भारत के भारतवासी को, उसके सब अधिकार दिलायें
आओ सब मिलकर नये रूप में गणतंत्र मनायें ।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें ।
वतन हमारा मिसाल मोहब्बत की,
तोड़ना हे दीवार नफरत की,
मेरी खुशनसीबी मिली जिन्दगी इस चमन में,
भुला न सके कोई इसकी खुशबू सात जनम में ||
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Happy Republic Day Status in Hindi
वो तिरंगा अलमारी में लिपट रख जाने को है,
एक दिन की देशभक्ति बस खत्म होने को है।
लोग हो जाएंगे मसरूफ़ फिर अपने कामों में,
ये नौजवान फिर एक गहरी नींद सो जाने को है।
शांति और प्रगति का राह चुनना चाहिए !
देश हित में हो जो वही बात कहनी चाहिए !
धन्य होते है वो माँ बाप जो अपने बेटे को सरहद में भेजने हामी भरते है
अपना दिल बड़ा कर उसे वतन के लिए लड़ने को तैयार करते है
न गर्मी की चिलचिलाती धूप, न सरद की वो ठंड और न ही बरसात का पानी
उस बेटे के कदम लड़खड़ाने देता है
वो तो दिन रात बस अपने वतन की सेवा करने में लगा रहता है
दिवाली के दीप, होली के रंग, ईद की वो मीठी सी सेवाई और परिवार का साथ
ये सब तो उसके लिए एक सपना सा होता है
वो वीर तो निस्वार्थ भाव से वतन की सेवा में जुटा होता है
सेवा करते करते अपने प्राण गवाता है
फिर तिरंगे में लिपटा हुआ वापस घर आता है
उसके परिवार को चंद पैसे दे कर, सरकार अपने फर्ज़ तो निभा देती है
पर हम ये क्यूँ नही समझते उन पैसो से उस सहीद की कुर्बानी नहीं खरीदी जा सकती,
उन पैसो से उस माँ का बच्चा नहीं लाया जा सकता, उन पैसों से उसका देशप्रेम नही बताया जा सकता
पर ये सिलसिला तो सदियो से चला आ रहा,
हर सच्चा देश भक्त देश की खातिर अपनी जान गवा रहा है
क्या किया हमने उस कुर्बानी का, आज भी अपने लोग ही अपनो के खिलाफ है,
भाई भाई से लड़ रहा, हिंदू मुस्लिम विवाद छिड़ रहा है,
भ्रष्टाचार देश के लोग ही बड़ा रहे है, क्यूँ फिर गलती
दूसरो की ठहरा रहे है
क्यूँ आज भी निर्भयआ और अषीफा की चीके सुनायी पड़ती है
अपने देश में रह कर ही लड़किया अपने ही देश वासियों से डरती है
शान से याद करते है 2din देश को, और अपने आप को सच्चा deshbhakt बताते है
क्यूँ phir उन 2dino के अलावा बाकी दिन हम अपने ही देश वासियों से लड़ जाते है
मत खराब करो इस देश की मिट्टी को, मत व्यर्थ जाने दो उन विरो की कुर्बानी को
देश की खातिर अपनी जान की बाजी लगायी है
इसी देश के लिए उन्होने अपने सीने मे गोलिया खायी है
सुधारने की जरूरत देश को नहीं है, सुधारने की जरूरत देश के वसीओ को है
क्योकि इस देश की saan ही हम देश वासियो से है!!!!!
क्योकि याद उनकी जो आई है
आखरी सांस तक लड़ते रहे देश के वो हमारे भाई है,
बलिदान पर उनके, आँखो में नमि भी आई है
तनहाई है उनकी आज पर उनके बलिदान को देखकर हममें अटूट हिम्मत भी आई है
हिम्मत भी ऐसी है की पीछे ना हटने की कसम खाई है
कितनी महोब्बत है वतन से हमे
एक दिन इसका सबूत भी आएगा….
कसम है वतन पर मिटने वालो की
शहीदो के ताबूत मे एक दिन
ताबूत मेरा भी आएगा।
जाग उठी है देशभक्ति,
आज सबके सीने में,
ऐसा ना हो कल को तुम,
तिरंगा रख दो किसी कोने में ।
जय हिन्द!
🇮🇳🇮🇳
महीनो बाद नींद से जागी देशभक्ति बीती-सुबह
उफ़ान मारने के बाद धीरे धीरे मंद पड़ते हुए
रात को फिर शीत-निंद्रा धारण कर चुकी है ,
और
जानकारी मिली है की शायद अब अगस्त में जागेगी,
लेकिन फिर से बस एक-दो दिन के लिए ……
खुशनसीब है वो जो वतन पर मिट जाते है,
मर कर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पर मिटने वालों
तुम्हारी हर साँस में बसता तिरंगे का नसीब है
जय हिind जय भारat
सब जात पात, धर्म प्रांत, अमीर गरीब
भूलकर सब से भाई चारा रखकर
चलो नया भारत बनाते हे
धरा ये वीरों की जननी,
जनम अपना सफल कर लो।
दुश्मन जो हैं भारत के,
ध्येय उनका विफल कर दो।
राष्ट्र का धर्म कहता है,
राष्ट्र का कर्म कहता है।
राष्ट्र के हित की सोचो तुम,
नीव इसकी प्रबल कर दो।
भक्त हनुमान बन जा तू,
राष्ट्र ये राम बन जाए।
मन बन जाए गंगा तट,
तन तीरथ धाम बन जाए।
देश की छाती को कोई
अगर करता कलंकित जो,
तो परशु हाथ धारण कर
तू परशुराम बन जाए।
ये जान से भी प्यारा है
पुरी दुनिया में सबसे न्यारा है
सारे जहाँ से अच्छा,
ये हिंदोस्ता हमारा है।
शहीदों के खून से रंगा है
हर कफन इसके बिना नंगा है
दिल दिल को जोडे,
ऐसा हमारा तिरंगा है।
आन बान और शान है
इसके लिये तो हर कोई समान है
हर धडकन का नाम भारत,
ये देस हमारी जान है
– SRISHTI.
लोकतंत्र इस देश का,
विश्व मे विख्यात है
देता है सबको आजादी,
लगाता न कोई लगाम है
पर कर्तव्य ये हमारा है,
रखे इसका मान सदा
अपनाए इसको खुले मन से,
रखे ख्याल मर्यादाओं का
चंद पैसों की खातिर,
न गद्दारी करे देश से
कुछ तो सम्मान करें उन शहीदों का,
जो कुर्वान हुए हमारे लिये…🙏।
“देश से है प्यार तो हरपल यह कहना चाहिए…
मैं रहूं या ना रहूँ यह भारत रहना चाहिए”
“सिलसिला यह बाद मेरे यूँ ही चलना चाहिए…
मैं रहूं या ना रहूं ये देश रहना चाहिए”
में ही देश हु,
मुझसे ही देश हैं,
देश की खातीर मरके नहीं,
जीके कुछ करना है ।
में भारत का, भारत मेरा ।
जय हिंद ।
जब भी पूछेगा कोई नाम हमारा
हम हिन्दी में हिन्दोस्तान लिखेंगे
सभी देशवासियों को
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
कुछ भुले बिसरे क़िस्से फिर याद करते हैै
आज २६ जनवरी हैं
चलो देश भक्ति की बात करते है।
Everyone loves Republic Day.
Some can pose with the flag on Insta,
While some can sell enough flags for a peaceful siesta.
70 years later,
the best place to witness our
Diverse India"
still continues to be in it’s economics.
“हे आदिशक्ति मैं मांगू इतना
करों में देदे शक्ति तू
गर तिरंगा थाम ले ये तो
ले चलें जहाँ तक जान रहे
लहराएँ तिरंगा इतना ऊपर
सारे विश्व में इसकी शान रहे”
करों- हाथों, आदिशक्ति- माँ जगदम्बा
ना मुझे भगवा दिखे, ना मुझे हरा दिखे।
जब चलू मैं यू आसमान की तरफ देख
तिरंगा हाथ में लिए
तो बस मुझे खुद में भी हिन्द दिखे और तुझ में भी।।