
दुष्टों और कांटों से बचने के केवल दो ही उपाय है
जूतों से उन्हें कुचल डालना या उनसे दूर रहना ~ चाणक्य
Duston Aur Kanton Se Bachne Ke
Kewal 2 He Upaye Hai…
Jhuton Se Unhe Kuchal Dalna Ya
Unse Door Rahna…!! ~ Chanakya
जैसे सिंह पवित्र नदियों के तट पर रहकर भी
हिंसा नहीं छोड़ता, वैसे ही दुष्ट व्यक्ति संतों के बीच रहकर भी
अपना स्वभाव नहीं छोड़ता।
– चाणक्य
वो जिसका ज्ञान बस किताबों तक सीमित है
और जिसका धन दूसरों के कब्ज़े में है,
वो ज़रुरत पड़ने पर ना अपना ज्ञान प्रयोग कर सकता है ना धन
– चाणक्य
जीवन के तीन मंत्र:
आनंद में वचन मत दीजिए,
क्रोध में उत्तर मत दीजिए,
दु:ख में निर्णय मत लीजिए।